*नगेन्द्र बाला*
(स्वतंत्रता सेनानी)
*जन्म : 13 सितम्बर, 1926*
*मृत्यु : सितम्बर 2010*
( कोटा, राजस्थान)
नागरिकता : भारतीय
प्रसिद्धि : स्वतंत्रता सेनानी
धर्म : हिन्दू
आंदोलन वर्ष : 1942 के स्वाधीनता आंदोलन में नगेन्द्र बाला ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था।
विशेष पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद नगेन्द्र बाला वर्ष 1960 में कोटा की पहली ज़िला प्रमुख बनी थीं।
अन्य जानकारी : नगेन्द्र बाला ने कोटा में 'करणी नगर विकास समिति' की स्थापना भी की तथा समिति के भवन के लिए अपने परिवार की जमीन उपलब्ध कराई।
नगेन्द्र बाला भारत की प्रसिद्ध महिला स्वतंत्रता सेनानी थीं। वे देश में ज़िला प्रमुख बनने वाली प्रथम महिला थीं। वे दो बार विधायक के पद पर भी रहीं। उन्होंने 1941 से 1945 तक किसान आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। नगेन्द्र बाला राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र की पहली महिला थीं, जिन्होंने महिलाओं में राष्ट्रीय चेतना का प्रसार किया। वह सदैव महिला कल्याण कार्यों से जुड़ी रहीं।
💁🏻♀️ *जन्म*
नगेन्द्र बाला का जन्म 13 सितम्बर, 1926 को हुआ था। वे प्रसिद्ध क्रान्तिकारी केसरी सिंह बारहठ की पौत्री और प्रताप सिंह बारहठ की भतीजी थीं। उनकी शुरू से ही जनसेवा, राजनीति और महिला उत्थान जैसे कार्यों में विशेष रुचि रही थी।
🇮🇳 *स्वाधीनता संग्राम में सहभागिता*
वर्ष 1942 के स्वाधीनता आंदोलन में नगेन्द्र बाला ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के निधन पर वे दिल्ली से अस्थि कलश लेकर कोटा आईं और चम्बल नदी में उनकी अस्थियां विसर्जित की।
⚜️ *ज़िला प्रमुख तथा विधायक*
पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद नगेन्द्र बाला वर्ष 1960 में कोटा की पहली ज़िला प्रमुख बनी थीं। वे देश में ज़िला प्रमुख बनने वाली प्रथम महिला थीं। दो वर्ष तक ज़िला प्रमुख रहने के बाद नगेन्द्र बाला 1962 से 1967 तक छबडा-शाहाबाद और 1972 से लेकर 1977 तक दीगोद से विधायक रहीं।
♦️ *अन्य पदों पर कार्य*
वह 1982 से 1988 तक 'समाज कल्याण बोर्ड' की अध्यक्ष रहने के साथ 'राज्य महिला आयोग' की सदस्य भी रहीं। विनोबा भावे के साथ पदयात्रा में शामिल नगेन्द्र बाला ने कोटा में 'करणी नगर विकास समिति' की स्थापना भी की तथा समिति के भवन के लिए अपने परिवार की जमीन उपलब्ध कराई।
🪔 *निधन*
नगेन्द्र बाला का निधन 84 वर्ष की आयु में सितम्बर, 2010 में हुआ। कोटा, राजस्थान के 'किशोरपुरा मुक्तिधाम' पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंत्येष्टि संस्कार किया गया।
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