*अशोक मेहता*
(स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनितीज्ञ)
*जन्म : 24 अक्टूबर, 1911*
( भावनगर, गुजरात)
मृत्यु : 1984
नागरिकता : भारतीय
प्रसिद्धि : राजनीतिज्ञ
पद : अशोक मेहता कुछ समय तक 'योजना आयोग' के उपाध्यक्ष रहे थे। वे भारत की केंद्रीय सरकार में मंत्री भी रहे।
विद्यालय : 'विल्सन कॉलेज', मुम्बई
धर्म : हिन्दू
अन्य जानकारी : भारत की आज़ादी के बाद अशोक मेहता की अध्यक्षता में 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' का निर्माण हुआ था। वे दो बार लोकसभा के सदस्य चुने गये थे।
अशोक मेहता भारत के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञों में से एक थे। ये समाजवादी नेता, सांसद तथा विचारक थे। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भी अशोक मेहता का योगदान था। देश की आज़ादी के बाद इनकी अध्यक्षता में 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' का गठन हुआ था। अशोक मेहता कुछ समय तक योजना आयोग के उपाध्यक्ष पद पर भी रहे थे।
💁🏻♂️ *जन्म तथा शिक्षा*
अशोक मेहता का जन्म 24 अक्टूबर, 1911 ई. में गुजरात के सौराष्ट्र (वर्तमान काठियावाड़) के भावनगर ज़िले में हुआ था। इन्होंने अपनी शिक्षा मुम्बई के 'विल्सन कॉलेज' से प्राप्त की थी। उनके जीवन तथा विचारों पर रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानन्द, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी और रवीन्द्रनाथ ठाकुर का काफ़ी प्रभाव पड़ा था। साथ ही वे हेराल्ड लास्की और कार्ल मार्क्स के विचारों से भी बहुत प्रभावित थे।
💥 *क्रांतिकारी गतिविधियाँ*
क्रांतिकारी गतिविधियों में भी अशोक मेहता भाग लेने लगे थे। वर्ष 1932 के बाद उन्हें कई बार जेल की सज़ा भोगनी पड़ी। इन जेल यात्राओं में उनका सम्पर्क अच्युत पटवर्धन और जयप्रकाश नारायण जैसे व्यक्तियों से हुआ। 1934 में जब 'कांग्रेस समाजवादी दल' का गठन हुआ, तब 23 वर्ष के नवयुवक अशोक मेहता उसके सदस्य थे।
✍️ *सम्पादन कार्य*
अपनी पार्टी के साप्ताहिक 'कांग्रेस सोशलिस्ट' का उन्होंने 1939 तक सम्पादन किया। उनका सम्बन्ध भारत के 'किसान आन्दोलन' और 'श्रमिक आन्दोलन' से भी था। 'भारत छोड़ो आन्दोलन' में भी उनकी प्रमुख भूमिका रही।
🌀 *विभिन्न पदों पर कार्य*
भारत की आज़ादी के बाद अशोक मेहता की अध्यक्षता में 'प्रजा सोशलिस्ट पार्टी' का निर्माण हुआ। वे दो बार लोकसभा के सदस्य चुने गये। अशोक मेहता कुछ समय तक 'योजना आयोग' के उपाध्यक्ष भी रहे। वे भारत के केंद्रीय सरकार के मंत्री भी रहे। वर्ष 1969 में कांग्रेस के विभाजन के बाद वे 'संगठन कांग्रेस' में चले गये।
🪔 *निधन*
अशोक मेहता का निधन 1984 में हुआ।
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